भोपाल । नवरात्रि और दिवाली के खरीदे गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड अभी तक लोगों को नहीं मिले हैं। इसी का नतीजा है कि बिना नंबर के वाहन चलाने पर कई खरीदारों को ट्रैफिक पुलिस की चालानी कार्रवाई से गुजरना पड़ रहा है। यह स्थिति शोरूम संचालकों की लापरवाही के कारण बनी है, जो समय पर रजिस्ट्रेशन की फाइलें आरटीओ पहुंचाने की जगह महीने भर की फाइलें एक साथ आरटीओ पहुंचा रहे हैं, ऐसे में आरटीओ में भी पेंडेंसी 5 हजार से ज्यादा हो गई है। गौरतलब है कि पहले आरटीओ में जहां रोजाना 200 फाइलें दो पहिया और 100 फाइलें चार पहिया वाहनों की पहुंच रही थीं। अब एकाएक इसका आंकड़ा 1200 से ऊपर पहुंच गया है। दरअसल शोरूम संचालकों ने त्योहारी सीजन में गाड़ियां तो बेच दीं। लेकिन उनके रजिस्ट्रेशन के लिए फाइलें आरटीओ नहीं भेजी गर्इं, जो फाइल भेजी हैं, उनमें भी दस्तावेज अधूरे हैं। रोजाना आरटीओ पहुंच रहीं दर्जनों शिकायतें हालत ये है कि रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिलने की रोजाना दर्जनों शिकायतें आरटीओ पहुंच रही हैं। शिकायतों पर स्मार्ट कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जितनी फाइलें आरटीओ पहुंचती हैं। उनका रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाकर डाक से भेज दिया जाता है। फाइलें पहुंचाने में देरी बरती जा रही है।
क्या कहता है नियम
एक सप्ताह के भीतर वाहनों की फाइल रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ भेजने का नियम है। लेकिन शोरूम संचालक इस पर तवज्जो नहीं देते। वे नया वाहन बेचते समय डीलर, वाहन स्वामी से रजिस्ट्रेशन की राशि वसूल लेते है। साथ ही दस्तावेज भी ले लेते हैं, लेकिन एक साथ भेजने के फेर में फाइलें महीनों तक शोरूम में ही पड़ी रहती हैं।
नोटिस का भी नहीं हुआ असर
प्रभारी आरटीओ संजय तिवारी ने वाहनों के रजिस्टेशन की बढ़ती पेंडिंग के बाद सभी डीलरों को नवंबर के पहले सप्ताह में नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि वाहन की डिलेवरी के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए फाइल तुरंत भेजें। अन्यथा लेटलतीफी पर रोजाना 50 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। डीलरों पर नोटिस के बाद भी असर नहीं हुआ और न ही आरटीओ ने ऐसे डीलरों पर कोई जुर्माना लगाया।