भोपाल । बीएमएचआरसी में अगर दिल का मरीजों का एक दिन छोड़कर चेकअप किया जाता है। जिस दिन सर्जरी की जाती है, उस दिन मरीजों का चेकअप नहीं किया जाता। दरअसल बीएमएचआरसी में यह स्थिति किसी नियम के तहत नहीं बनी है, बल्कि डॉक्टरों की कमी के चलते बनी है। यहां एक कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक त्रिपाठी है। जबकि यहां कम से कम चार कॉर्डियोलॉजिस्ट की जरूरत है। सिर्फ कॉर्डियोलॉजी ही नहीं बल्कि दूसरे विभागों की भी यही स्थिति है। यहां फिलहाल 12 डॉक्टर हैं और यहां 36 की जरूरत है। और डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए केंद्र की मंजूरी का इंतजार है।
कई विभागों में डॉक्टर ही नहीं
बीएमएचआरसी में रोजाना करीब 1000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनके मुकाबले यहां डॉक्टर न के बराबर हैं। गैस्ट्रोसर्जरी, नेफ्रोलॉजी, रेडियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, आॅन्कोलॉजी में एक भी चिकित्सक नहीं है। वहीं यूरोलॉजी में सिर्फ एक चिकित्सक है।