ग्वालियर। मप्र कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज उनके समर्थक विधायकों और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को दिल्ली में सिंधिया के निवास पर धरना दिया। विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया गया तो हम अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। कमलनाथ 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इससे पहले उठे इस नए विवाद ने कांग्रेस आलाकमान कीचिंता बढ़ा दी है। ग्वालियर-चंबल के साथ प्रदेश के कुछ अन्य विधायक भी इस धरने में शामिल हुए। धरना सिंधिया के दिल्ली निवास पर दिया गया। विधायकों का कहना है कि सिंधिया को राजस्थान की तर्ज पर प्रदेशाध्यक्ष के साथ डिप्टी सीएम बनाया जाए, वरना हम सरकार के पक्ष में वोटिंग नहीं करेंगे।
राहुल से मिलेंगे विधायक : शनिवार के धरने में करीब 20 विधायक शामिल थे। कुछ और विधायक रविवार सुबह तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। ये सभी विधायक राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे।
खून से लिखे पोस्टर लेकर व्यक्त की भावनाएं
ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से उनके समर्थकों में निराशा और रोष व्याप्त है। जहां शनिवार को सिंधिया समर्थक विधायकों ने दिल्ली पहुंचकर सिंधिया के आवास पर धरना दिया, वहीं ग्वालियर में सिंधिया समर्थकों ने खून से लिखे पोस्टर लगाकर सिंधिया से प्रदेशाध्यक्ष पद स्वीकारने का आग्रह किया।
सिंधिया के सामने रो पड़े कई जिलों के विधायक
मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया और भिंड जिलों के विधायक सिंधिया के सामने रोने लगे। इन विधायकों का कहना है कि जनता ने सिंधिया के नाम पर वोट दिए हैं। अगर 2019 में राहुल गांधी को पीएम बनना है तो महाराज को डिप्टी सीएम बनाएं।
सिंधिया ने कहा इस संबंध में राहुल से करूंगा बात
करीब दो घंटे चले धरने के बाद सिंधिया ने राहुल से बात करने की बात कही। इसके बाद धरना खत्म हुआ। इसमें विधायक प्रद्युम्नसिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, रणवीर जाटव, बनवारी लाल शर्मा, रघुराज कंसाना, गिर्राज दण्डोतिया, ओपीएस भदौरिया, कमलेश जाटव आदि थे।