भोपाल। नई सरकार में मंत्री पद की इच्छा रखने वाले विधायकों को कुछ दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। खबर है कि सोमवार को होने वाले शपथग्रहण समारोह में सिर्फ मुख्यमंत्री कमलनाथ ही शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल का गठन बाद में किया जाएगा। इसकी वजह आलाकमान का छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तय करने और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि मंत्रिमंडल ऐसा बने जिसको लेकर विवाद नहीं हो। मुख्यमंत्री कमलनाथ के सोमवार को यहां जंबूरी मैदान पर आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के बीच मंत्रिमंडल के गठन बाद में करने की सूचना से कई नेताओं का झटका दिया है। हालांकि इससे शपथ ग्रहण समारोह को भव्य रूप देने की कोशिशों पर कोई असर नहीं पड़ा है। भेल स्थित जंबूरी मैदान में कमलनाथ सोमवार दोपहर 1.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
वीवीआईपी के लिए खास इंतजाम
शपथ ग्रहण समारोह के लिए वीवीआईपी मेहमानों के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इस आयोजन में राज्य के विभिन्न हिस्सों से कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल होने आएंगे। समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी आएंगे। पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के भी आने की संभावना है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगोड़ा, बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, वरिष्ठ नेता चंद्रबाबू नायडू, कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और देश के उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों को भी न्योता दिया गया है।