भोपाल । शिवराज सिंह चौहान अब सत्ता में नहीं है। मुख्यमंत्री पद से बेदखल होने के बाद वे पार्टी संगठन और प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से ज्यादा सक्रिय हो रहे हैं। सत्ता गंवाने के बाद उन्होंने सबसे पहले हार की जिम्मेदारी स्वीकारी। अब वे जनता के बीच आभार जताने प्रदेश भर में जाएंगे। इसके लिए बकायदा अगले सप्ताह रीवा से आभार यात्रा निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चार दिन में तीन दिन लगातार प्रदेश कार्यालय पहुंच चुके हैं जबकि प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह केवल एक बार ही दμतर में बैठे। शिवराज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष से ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई पत्रकार वार्ता में उन्होंने दिल्ली जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट संकेत दिए थे कि वे मप्र की राजनीति में ही सक्रिय रहेंगे। यानी वे लोकसभा चुनाव भी नहीं लडेÞंगे। पहले ही दिन उन्होंने विधानसभा चुनाव की हार का ठीकरा किसी और पर फोड़ने की बजाय इसकी पूरी जिम्मेदारी खुद ली। शिवराज की सक्रियता इस मायने में देखी जा रही है कि उन्होंने कहा है कि वे रोजाना प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक घंटे कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। वे लोगों के बीच जाकर उनका आभार व्यक्त करेंगे। उनकी यह आभार यात्रा संभवत: अगले सप्ताह चुरहट से शुरू होने वाली है, क्योंकि यहां भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह को हराया है। राजनीतिक लिहाज से यह पार्टी की बड़ी उपलब्धि है।
तेवर भी नेता प्रतिपक्ष की तरह
जाहिर है कि शिवराज के तेवर भी इन दिनों नेता प्रतिपक्ष की तरह हैं। हालांकि वे नई सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपनी ओर से हनीमूड पीरियड़ के लिए समय दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समय तक वे कमलनाथ पर सीधा हमला नहीं करेंगे। उन्होंने फिलहाल अपनी घोषणा पूरी करने के लिए नई सरकार को समय दिया है। साथ ही वे जनता को समय दे रहे कि वे देखे सत्तारुढ़ कांग्रेस ने चुनाव के दौरान जो वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे हो रहे हैं।