भोपाल । राजधानी में नगर निगम द्वारा तीन साल पहले शुरू किए गए आरओ शिवनीर (आरओ वॉटर) प्लांट रिस्पॉन्स नहीं मिलने से बंद होने के कगार पर है। निगम अब इसे वॉटलिंग प्लांट में अपग्रेड करने जा रहा है। यहां तैयार होने वाला बोतल बंद आरओ वॉटर जल्द ही मार्केट में लाया जाएगा। इसकी कीमत तीन से पांच रुपए के बीच होगी। जो मौजूदा ब्रान्ड्स से आधी से भी कम होगी। बता दें कि फिलहाल प्लांट से एक दिन में औसत 150 से 200 लीटर पानी बिक रहा है। इसमें से भी 80 फीसदी सप्लाई निगम कार्यालयों में होती है। क्योंकि निगम कंपनी का घाटा कम करने को बीते दो सालों से अपने कार्यालयों के लिए शिवनीर खरीद रहा है। इधर, निगम ने कंपनी को घाटे से उबारने को नई योजना पर काम शुरू किया है। जल्द ही निगम आरओ प्लांट को अपग्रेड कर इन्हें वॉटलिंग प्लांट में तब्दील करेगा। यहां आरओ वॉटर को बोतल में भरकर मार्केट में सप्लाई किया जाएगा। इसमें निगम को कंपनी से हुए करार के मुताबिक पहले की तरह ही 80 फीसदी का मुनाफा होगा।
लगातार घाटे के कारण पानी सप्लाई का कारोबार
प्लांट में घाटे के चलते संचालक ने वॉटर केन का कारोबार शुरू कर दिया है। फिलहाल 20 लीटर की केन से इसकी शुरूआत हुई है। कंपनी ने 300 केन मंगाई हैं। केन की कीमत 200 रुपए है। पानी के साथ यह 220 रुपए में मिलता है। इधर, निगम आरओ प्लांट से 120 लीटर पानी रोजाना खरीद रहा है। चार केन पानी माता मंदिर स्थित निगम कार्यालय और 2 केन पानी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) को सप्लाई होता है। इसके अलावा रैन बसेरा सहित अन्य दμतरों में भी शिवनीर सप्लाई की तैयारी है।
इन स्थानों पर लगने थे प्लांट
न्यू मार्केट, चौक बाजार, बरखेड़ा मार्केट, कोलार क्षेत्र में भी आरओ प्लांट लगाए जाने थे, लेकिन अभी तक यहां जगह नहीं मिल सकी है। जानकार कहते हैं कि न्यू मार्केट में कम्युनिटी हॉल पार्किंग स्थल के पास यदि प्लांट लगाया जाए तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा पाएंगे।
यह है योजना
निगम ने आरओ प्लांट लगाने का काम मेसर्स हेल्थ पाइंट सर्विसेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को दिया था। जो इससे होने वाली आय का 90 प्रतिशत अंश निगम को देती है। शेष 10 प्रतिशत राशि से रखरखाव, कच्चे पानी के लिए निर्धारित दर से निगम को भुगतान और बिजली बिल का भुगतान होता है। नगर निगम ने कंपनी को 10 साल के लिए अनुबंधित किया है। हालांकि इस पर नियंत्रण निगम का ही है।