भोपाल। गुनगा थाना क्षेत्र के ग्राम धमर्रा में रहने वाले एक वकील की शनिवार सुबह चाचा और भतीजों ने मिलकर सरे बाजार तलवार और छुरी मारकर हत्या कर दी। दोनों परिवारों के बीच जमीन को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है। करीब दस साल पहले आरोपी भतीजों के पिता की हत्या हो गई थी, इसमें मृतक वकील को आरोपी बनाया गया था। न्यायालय में चल रहे जमीन के प्रकरण में चार दिन बाद फैसला आने वाला था, इसके पहले ही उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि आरोपियों ने हमले से पहले गोली भी चलाई थी, लेकिन पुलिस को गोली चलने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। जानकारी के अनुसार भगवान सिंह कुशवाह (56) ग्राम धमर्रा में रहते थे और बैरसिया में वकालत करते थे। परिवार में पत्नी देवकी कुशवाह के अलावा तीन बेटे पंकज उर्फ लखन, हरीश, धर्मेंद्र और एक बेटी यशोदा कुशवाह है। भगवान सिंह का अपने ही परिवार के चाचा सौदान सिंह से जमीन को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है। दस साल पहले (वर्ष 2008)जमीन की फैंसिंग कराने के दौरान सौदान सिंह की हत्या हो गई थी, जिसमें भगवान सिंह को आरोपी बनाया गया था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद वे वकालत कर रहे थे और जमीन का केस भी लड़ रहे थे। इस घटना के बाद से दोनों परिवारों के बीच रंजिश बढ़ गई थी। शुक्रवार को न्यायालय में हुई पेशी के दौरान चार दिन बाद 18 दिसंबर को जमीन के संबंध में फैसला आने वाला है। पेशी के दौरान दोनों पक्षों में विवाद भी हुआ था।
पहले कट्टे से फायर किया फिर तलवार-चाकू से हमला
बताया गया है कि शुक्रवार की सुबह भगवान सिंह घर से निकले थे, करीब दो सौ मीटर दूर स्थित धमर्रा बस स्टैंड पर पहुंचकर एक दुकान के सामने पेपर पढ़ने लगे। भगवान के बेटे हरीश कुशवाह के मुताबिक सुबह करीब सवा नौ बजे चचेरा भाई मुकेश उर्फ बबलू अपने दोनों भतीजों रवि और राहुल को लेकर मौके पर पहुंचा। पहुंचते ही उन्होंने कट्टे से पिताजी पर फायर किया, लेकिन उन्हें गोली नहीं लगी। इसके बाद तीनों ने वकील को घेरकर तलवार और चाकुओं से उन पर हमला कर दिया। आसपास के लोगों ने बीच-बचाव का प्रयास किया, लेकिन आरोपियों के पास हथियार देख उन्हें पकड़ने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। बताया गया है कि हमलावरों ने भगवान सिंह की गर्दन और पेट समेत शरीर पर कई स्थानों पर वार किए थे। जिससे वे लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर बैरसिया अस्पताल पहुंचाया, जहां पीएम के बाद लाश परिजन को परिजन को सौंप दिया गया। बताया गया है कि परिजन ने खेत पर ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया
गुनगा थाना प्रभारी भारत सिंह ने बताया कि मृतक के बेटे धर्मेंद्र की रिपोर्ट पर मुकेश, रवि और राहुल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। एक आरोपी राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। एहतियातन गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले की जांच के बाद जो भी अन्य तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने फिलहाल मौके पर गोली चलने के साक्ष्य मिलने से इंकार किया है।
इसी विवाद पर दस साल पहले हुई थी हत्या
मृतक के बेटे हरीश के मुताबिक 10 साल पहले वर्ष 2008 में जमीन विवाद को लेकर रवि और राहुल के पिता सौदान सिंह की हत्या हो गई थी, जिसमें उनके पिता को भी आरोपी बनाया गया था। जिस वक्त यह वारदात हुई थी, उस वक्त मौके पर पुलिस वाले भी मौजूद थे। उनके पिता की मांग पर ही पुलिस घटनास्थल पर तैनात की गई थी। जेल से आने के बाद पिताजी अपना वकालत का काम कर रहे थे, जबकि जमीनी विवाद अभी भी चल रहा है। हरीश का कहना है कि आरोपियों की तरफ से पहले से धमकी मिल रही थी, जिसकी शिकायत उनके पिताजी ने पुलिस और प्रशासन से की थी।