भोपाल । 42 साल बाद हुए विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया को लेकर गुरुवार को सदन में कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अध्यक्ष एनपी प्रजापति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। इसके बाद भाजपा सदस्य नारेबाजी करते हुए आसंदी तक पहुंच गए। और स्पीकर पर तानाशाही का आरोप लगते हुए उनका इस्तीफा मांगा। इसके चलते सदन की कार्रवाई दो बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के बीच कांग्रेस प्रत्याशी 35 वर्षीय हिना कांवरे को उपाध्यक्ष घोषित किया गया। वह सबसे कम उम्र की डिप्टी स्पीकर होने के साथ ही पहली महिला उपाध्यक्ष भी हैं। चुनाव के बीच हंगामे के कारण चुनाव सहित कार्यवाही 15 मिनट में पूरी कर दी गई। इसके बाद सदन सत्र समाप्ति के एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। इधर, भाजपा ने सत्तारुढ़ कांग्रेस की शिकायत राष्ट्रपति से करने की बात की है। उसने कहा है कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास लाने पर विचार कर रही है।
शिवराज बोले- पूर्व स्पीकर की बात सुनें प्रजापति बोले- सदन प्रक्रियाओं से चलेगा
सदन में हंगामा उस समय शुरू हुआ जब स्पीकर एनपी प्रजापति ने उपाध्यक्ष के चुनाव से संबंधित कार्यसूची में दर्ज पांच प्रस्तावों को पढ़ना शुरू किया। इस दौरान पूर्व भाजपा सदस्य डॉ. सीतासरन शर्मा ने प्वाइंट आॅफ आॅर्डर उठाया। अध्यक्ष ने यह कहते हुए इसकी अनुमति नहीं दी कि वे निर्वाचन संबंधी प्रक्रिया को आगे बढ़ा चुके हैं और इस संबंध में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव की बात को उन्होंने सुन लिया है। भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा कुछ कहना चाहते हैं, इसलिए उनकी बात को सुनना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि सदन नियम प्रक्रियाओं से चलेगा। शिवराज ने कहा यह नहीं चलेगा। अध्यक्ष के इस बात पर तैयार नहीं होने पर भाजपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और आसंदी के पास तक पहुंच गए और नारेबाजी करते रहे। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज पर हमला करते हुए कहा आपका व्यवहार पूर्व सीएम जैसा नहीं है।