ग्वालियर। ग्वालियर स्टेशन पर खुलेआम रेलवे कॉन्ट्रेक्टर व दलाल दिल्ली-भोपाल की रूटीन व लंबी दूरी की ट्रेनों की पेंट्रीकार में लोकल कंपनी का पानी चढ़ा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि यह गोरखधंधा स्टेशन पर खुलेआम चल रहा है। जिस पर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है, जबकि ट्रेनों की पेंट्रीकार में अधिकारी कुछ पानी की बोतलों को जब्त कर सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर रहे हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल व रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के निर्देशानुसार यात्रियों को कम दाम में अच्छा पानी उपलब्ध कराना रेलवे की पहली प्राथमिकता है, लेकिन रेलवे अधिकारियों की सांठगांठ के कारण ग्वालियर रेलवे स्टेशन से रोज 50 कार्टून लोकल कंपनी का पानी के चढ़ाया जा रहा है। गुरुवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्र.दो पर बिलासपुर से अमृतसर जाने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस पहुंची, तो रेलवे अधिकारियों ने पेंट्रीकार का निरीक्षण किया, जिसमें 39 पानी के कार्टून जब्त किए। जब अधिकारियों ने पेंट्रीकार के मैनेजर से पीओएस मशीन मांगी, तो वह अंदर रखी हुई थी। जिस पर अधिकारियों ने फटकार लगाई। रेलवे अधिकारियों ने कार्रवाई कर पानी की बोतलों को जब्त कर पार्सल में जमा करवा दिया। लेकिन इन अधिकारियों की नजर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्र. 1 के सामान्य टिकट घर के पास रखी पानी के कार्टूनों पर नहीं पड़ी, जबकि यह कोई पहला मामला नहीं है। स्टेशन के अधिकारी सामान्य टिकट घर के सामने से दिन में कई बार निकलते हैं, लेकिन कार्टूनों पर नजर पड़ने के बाद भी वह अनदेखी कर चले जाते हैं। रेलवे की ओर से नियुक्त डीसीआई वाईके मीणा, सीएचआई तेजपाल सिंह, कैटरिंग इंस्पेक्टर अनुज श्रीवास्तव रोज प्लेटफार्म पर आते हैं, लेकिन उनकी नजर कभी भी प्लेटफार्म पर रखे कार्टूनों पर नहीं पड़ती है। जिसके चलते जहां रेलवे का राजस्व की हानि हो रही है, वहीं यात्रियों को लोकल कंपनी के पानी से काम चलाना पड़ रहा है।
दोपहर में आने वाली ट्रेनों में चढ़ रहा पानी
सूत्रों की मानें तो मंगला एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, छत्तसीगढ़ एक्सप्रेस, पंजाब मेल सहित दर्जनों ट्रेनों में पेंट्रीकार के कांट्रेक्टर पानी के साथ अनाधिकृत माल भी चढ़ाते हैं। जिसको कोई देखने वाला नहीं है।