जबलपुर। प्रदेश भर के नगरीय निकायों (ननि और नपा) द्वारा विगत 15 वर्ष की आॅडिट आपत्तियों का निराकरण नहीं किया है। इससे शासन को अरबों रुपए के राजस्व हानि एक बड़े भ्रष्टाचार की संभावना रहती है। उक्त आरोप लगाते हुए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मुख्यमंत्री मुख्य सचिव को पत्र भेजकर जांच आयोग, उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की मांग की है। इस संबंध में प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा ने बताया कि आॅडिट रिपोर्ट से नगरीय निकायों के प्रत्येक कार्यों में भारी भष्आचार का खुलासा हुआ। यहां तक की कर संग्रहीताओं द्वारा कर संग्रह की राशि जमा न कर खुद के इस्तेमाल में लाना और कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न होना, वार्षिक लेखे तैयार नहीं करने जैसे मामले सामने आए हैं। मंच के डॉ. राकेश चक्रवर्ती, प्रफुल्ल सक्सेना, नीतिश लाला, अनिकेत कुशवाहा, अनिल कुशवाहा, विनोद पांडेय ने नगरीय निकायों की जांच सुनिश्चित करने की मांग करते हुए अब तक का सबसे बड़ा घोटाला उजागर होने की बात कही है।