जबलपुर। बोफोर्स तोप के अपग्रेड वर्जन स्वदेशी 155 एमएम/45 कैलिबर धनुष तोप में चार चाइनीज बैयरिंग लगाए जाने के मामले की जांच के लिए फिर एक बार सीबीआई की टीम ने जीसीएफ में दस्तक दी है। गुरुवार को टीम जीसीएफ में पहुंचकर जांच पड़ताल करने के उपरांत शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई । जानकारी के मुताबिक धनुष तोप में घटिया पार्ट्स लगाए जाने के मामले में सीबीआई की टीम तीसरी बार जबलपुर पहुंची है। इस मामले में बेयरिंग सप्लाई करने वाली कंपनी एवं जीसीएफ के अज्ञात अधिकारी के खिलाफ सीबीआई ने अगस्त 2018 में ही अपराध दर्ज कर लिया है। इस दफे सीबीआई की टीम ने इस पता लगाने जुटी है कि किस अधिकारी ने सप्लायर कंपनी से सांठगांठ कर चाइनीज बैयरिंग धनुष तोप मे लगवाए थे। ये गडगड़ी वर्ष 2014 के दरम्यान किया गया जबकि मामला 2018 में धनुष तोप का मजल फटने पर सामने आया था। सीबीआई को प्रारंभिक पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि वर्तमान में धनुष प्रोेजेक्ट से जुड़ कुछ अधिकारियों यह भी नहीं मालूम था कि स्टोर से उन्होंने जो मैडइन जर्मन का बैयरिंग धनुष में फिट कर रहे है, वह मैड इन चायना है। बैयरिंग सप्लाई करने वाली कंपनी को धोखाधड़ी तो सामने आ गई है लेकिन उसके में किस अधिकारी की सांठगांठ रही है? इसकी पड़ताल करने टीम पहुंची है और वर्ष 2014 में कांटैÑक्ट संबंधी कई जानकारी कम्प्यूटर से डिलीट की गई है, उसे रिकवर करने कोशिश की जा रही है। देनी है रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी तक तीन धनुष तोपों को सेना के सुपुर्द किया जाना है। इसके लिए बकायदा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी एक समारोह में धनुष तोप की फायरिंग देखेंगे। धनुष प्रोजेक्ट के तहत 17 धनुष तोप निर्माण का आर्डर भी सेना से मिल चुका है। इसके साथ धनुष तोप में घटिया एवं नकली पार्ट्स लगाए जाने की जांच भी सीबीआई कर रही है। सेना में धनुष को शामिल करने के पूर्व सीबीआई को अपनी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपनी है अत: मामले की जांच तेजी से की जा रही है। सब कुछ ठीक रहा तो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी सेना में धनुष शामिल करने की घोषणा करने साथ थोक में निर्माण करने घोषणा कर सकते है। फिलहाल सेना ने तो धनुष तोप को सैद्धांतिक रूप से सेना में शामिल करने मंजूरी प्रदान कर दी है।
स्थानीय टीम को दूर रखा
दिल्ली से जांच करने आए अधिकारियों की टीम ने अपनी जांच पड़ताल से जबलपुर सीबीआई टीम को दूर रखा और सेना से जुड़ा मामला होने की वजह से मामले में पूरी गोपनीयता बरती गई।
समझौते से जुड़े अधिकारी से पूछताछ
प्रायवेट कंपनी के बैयरिंग सप्लाई का आर्डर देने वाले अधिकारी से सीबीआई की टीम ने सघन पूछताछ की है। इसके साथ ही उपकरण लगाने की अनुमति प्रदान करने वाले अधिकारी से भी पूछताछ चली। सीबीआई टीम ने जांच के चलते अधिकारियों के दफ्तरों से कागजात जुटाने के साथ कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क की भी जांच की। सीबीआई ने इस काम के लिए आईटी एक्सपर्ट का सहयोग लिया है जो डाटा रिकवर करना भी जानता है। टीम कुछ डाटा मिटाए जाने की वजह से डाटर रिकवर करवा रही है।
पहले जब्त हो चुके हैं बैयरिंग
सीबीआई टीम ने धनुष में घटिया बैयरिंग सप्लाई के मामले में पूर्व में ही दबिश देकर जहां बैयरिंग जब्त करवा चुकी है। वहीं धनुष तोप को खुलवाकर भी बैयरिंग जब्त किए थे। इसमें बैयरिंग के साइज एवं मार्का की पड़ताल करने तथा मार्का मिटाए जाने आदि के लिए जांच के लिए लैब में पूर्व में ही भेज चुकी है।
दो तोपों के मजल फटे थे
विगत वर्ष 2018 मार्च के पहले जब धनुष टेस्ट के लिए उतारी तो बार बार फायरिंग के बाद भी वह सटीक निशाना नहीं लगा पा रही थी। कई बार फेल हो गई। वहीं बालासोर में परीक्षण के दौरान 2 धनुष तोपो का मजल फट गया। इसके बाद अधिकारियों को संदेह हुआ कि पूर्व में हुए परीक्षणों में धनुष के पुराने प्रोपोटाइप सफलता पूर्वक निशाना लगा रहे थे लेकिन नए और खामी रहित प्रोपोटाइप क्यों फैल हो रहे है? इसकी वजह की पड़ताल की गई तो पाया गया कि बैयरिंग में गड़बड़ी रही है।
4 बैयरिंग ही हुए थे सप्लाई
सीबीआई को प्रारंभिक जांच में ज्ञात हुआ कि धनुष तोप में मेड इन जर्मनी की टैग लगे नकली बेयरिंग सप्लाई हुए थे जो चायना में बने हुए थे। बेयरिंग सप्लाई का काम दिल्ली का प्राइवेट कंपनी मेसर्स सिद्ध सेल्स सिंडिकेट को दिया गया था। इस कंपनी को रोलर बैयरिंग की खरीदी मेसर्स सीआरबी जर्मनी से करनी थी। दिल्ली की फर्म ने 4 बेयरिंग की सप्लाई सीआरबी से न कर चाइनीज कंपनी से निर्माण करवा कर किया। सीबीआई ने जांच पड़ताल कर कंपनी एंव जीसीएफ के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ जुर्म कायम कर लिया। इस मामले में सेवा निवृत एक जीएम सहित कई अधिकारी अब भी जांच के कटघरे में बने हुए है।