नई दिल्ली। दक्षेस शिखर सम्मेलन के आयोजन का जोरदार समर्थन करते हुए नेपाल ने शुक्रवार को कहा कि मतभेदों को बातचीत के जरिये सुलझाया जाना चाहिए और आतंकवाद तथा क्षेत्र की अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटा जाना चाहिए। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में हुई ऐतिहासिक वार्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि मतभेदों को सुलझाने के लिये संवाद ही एकमात्र तरीका है। विदेश नीति मामलों के विशेषज्ञों और पत्रकारों के समूह से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा, अगर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम के बीच मुलाकात हो सकती है तो अन्य देशों के नेताओं के बीच यह क्यों नहीं हो सकती।
पाक कर सकता है शिखर सम्मेलन की मेजबानी
इस बार शिखर सम्मेलन की मेजबानी की बारी पाकिस्तान की है। पाक की ओर से सीमा पार आतंकवाद के निरंतर समर्थन का हवाला देते हुए भारत के इस शिखर सम्मेलन में उसका हिस्सा लेना मुश्किल है। 2016 में सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होना था।
हर दो साल में होता है आयोजन
शिखर सम्मेलन का आयोजन आमतौर पर दो साल में होता है, जिसकी मेजबानी अंग्रेजी की वर्णमाला के बढ़ते क्रम के अनुसार नाम वाले सदस्य देश करते हैं। शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले सदस्य देश को संघ का अध्यक्ष माना जाता है। आखिरी सम्मेलन का आयोजन 2014 में काठमांडू में हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने शिरकत की थी।