भोपाल । कमलनाथ मंत्रिमंडल में स्थान पाने से वंचित रहे कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने अब भील प्रदेश बनाने की मांग उठाई। डॉ. अलावा ने कहा कि मप्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र चार प्रदेशों के आदिवासियों के लिए भील प्रदेश बनाया जा सकता है। इस मांग के पीछे उनका तर्क यह है कि आदिवासी बहुल जिलों में पांचवी अनुसूची लागू होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। डॉ. अलावा की इस मांग पर भाजपा ने मुख्यमंत्री से पक्ष रखने की बात कही है। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन के माध्यम से डॉ. हीरालाल अलावा ने एक वीडियो के जरिए अपनी मांग चार राज्यों के युवाओं तक पहुंचाई है। इसमें वे कह रहे हैं कि मप्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के 25 से 30 जिले पांचवी अनुसूची (फिμथ शेड्यूल) क्षेत्र में आते हैं। ेउन्होंने कहा- आजादी के 70 साल बाद भी धरातल पर फिμथ शेडयूल का उपयोग नहीं हुआ। आज आदिवासियों, जनजाति के लोगों की संख्या कम होती जा रही है। इन इलाकों में गरीबी, कुपोषण, भयंकर और पलायन जैसी समस्याएं हैं। उनकी जमीनें छीनी जा रही है। जंगल के जो अधिकार उनको दिए गए थे, वे छीने गए हैं।
जिले और तहसीलों को स्वशासी किया जाए
संविधान में फिμथ शेड्यूल बनाकर आदिवासियों को जो संरक्षण का जो वादा किया गया था वो लागू नहीं हुआ। इसलिए भील प्रदेश बनाकर सिक्स्थ शेड्यूल लागू किया जाए। भील प्रदेश को स्वशासी प्रदेश बनाया जाए। जिले और तहसील भी स्वशासी हो जिससे आदिवासियों की जो पहचान है, उनकी संस्कृति है उसका संरक्षण किया जा सके। उन्होंने कहा इसीलिए हम जयस के माध्यम से मांग करते हैं कि मोदी सरकार से मांग करते हैं कि भील प्रदेश को मान्यता दे। डॉ. अलावा ने चारों प्रदेश के युवाओं से एकजुट होकर इस मांग को उठाने की अपील की है।