भोपाल। नूतन कॉलेज की छात्राएं शनिवार सुबह कॉलेज पहुंचीं, लेकिन वे क्लास रूम में नहीं जा सकीं। गैलरी में भी खड़े होने के लिए जगह नहीं थी, इसलिए परिसर में इधर-उधर भटकती रहीं। कुछ सर्दी में धूप सेकने के लिए बाहर बैठी रहीं। डेढ़ से दो घंटे इधर उधर भटकने के बाद ज्यादातर छात्राएं बिना क्लास अटैंड किए लौट गर्इं। दरअसल शनिवार को सुबह से ही यहां साफ-सफाई चल रही थी। यह तैयारी 17 जनवरी से नेक की टीम के होने वाले निरीक्षण के चलते की जा रही थी। कॉलेज प्रबंधन इन तैयारियों में इतना मसरूफ था कि उसने एक दिन पहले छात्राओं को सूचना देने की जरूरत भी नहीं समझी। नेक की टीम द्वारा कॉलेज को ग्रेड देने के लिए निरीक्षण किया जाना है। 12 जनवरी को कॉलेजों के प्राचार्यों को नेक एक्रीडेशन का पाठ भी पढ़ाया गया है। नेक की टीम पढ़ाई के साथ सफाई व अन्य सुविधाओं का भी निरीक्षण करती है, इसीलिए नूतन कॉलेज में जोर-शोर से तैयारी की जा रही है।
हस्ताक्षर कर चले गए अधिकतर प्रोफसर
छात्राओं ने बताया कि इसके पहले कभी इतने बड़े स्तर पर कॉलेज में साफ-सफाई या टैंकर से धुलाई नहीं की गई। शनिवार को 4 से 5 घंटे तक कमरों और बरामदों की धुलाई होती रही। हालांकि कमरों में झाड़ू तो रोज लगती है, लेकिन आज दीवारों तक की धुलाई की गई। छात्राओं ने बताया कि सभी कमरों और बारामदे में पानी होने के कारण कक्षाएं नहीं लग सकी हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि यहां पदस्थ आला अफसरों की प्रोफेसर पत्नियों को पहले से ही इसकी जानकारी थी, इसलिए कई हस्ताक्षर कर चली गर्इं, तो कुछ आई ही नहीं।
वर्ल्ड बैंक से अनुदान पाने के लिए नेक है अनिवार्य
नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल (नेक) द्वारा कॉलेजों को उनमें दी जाने वाली सुविधाओं, व्यवस्थाओं, शिक्षा की गुणवत्ता, परीक्षा परिणाम एवं रिसर्च के आधार पर ए, बी, सी, डी ग्रेड दिया जाता है। इसके लिए नेक की टीम कॉलेजों का विभिन्न स्तरों पर परीक्षण करती है। वर्ल्ड बैंक के अनुदान के लिए नेक का ‘ए’ या ‘बी’ ग्रेड अनिवार्य कर दिया गया है।
छात्राओं को पूर्व से नहीं दी गई थी कोई सूचना
बीए प्रथम वर्ष की एक छात्रा वैष्णवी (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उन्हें कॉलेज में साफ-सफाई आदि के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। लिहाजा सभी छात्राएं समय पर कॉलेज पहुंच गर्इं थी। यहां पता चला कि क्लास रूम की धुलाई हो रही है। कक्षाएं नहीं लगीं, इसलिए हम वापस जा रहे हैं।
एक घंटे तक इंतजार करती रही, फिर घर लौट गई
बीएससी द्वितीय वर्ष की राजेश्वरी (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उसके पापा सुबह ड्यूटी से छुट्टी लेकर उसे कॉलेज छोड़ने के लिए आए थे। गेट पर पहुंचते ही पता चला कि टैंकर से क्लास रूम्स की धुलाई हो रही है। एक घंटा तक क्लास शुरू होने का इंतजार करती रहीं, इसके बाद घर लौट गई।