भोपाल। भोपाल स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही स्मार्ट रोड का शनिवार को निरीक्षण करने पहुंचे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह अधिकारियों पर उस समय भड़क गए जब उन्होंने विस्थापित लोगों के ट्रांजिट हाउस को देखा। उन्होंने अधिकारियों से कहा, लोगों के पक्के मकान तोड़कर उन्हें टीन के डिब्बे रहने के लिए दे दिए क्या यही पुनर्वास है। उनकी दुकानें तोड़ दी, क्या उनके रोजगार का कोई इंतजाम किया। जब तक इन लोगों को बेहतर तरीके से पुनर्वास नहीं हो जाता, तब तक के लिए स्मार्ट रोड को काम रोक दें। नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा शनिवार दोपहर स्मार्ट रोड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान भोपाल स्मार्ट सिटी कंपनी के चेयरमैन व कलेक्टर सुदाम खाडे, स्मार्ट सिटी कंपनी के ईडी व नगर निगमायुक्त बी. विजय दत्ता और स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ संजय कुमार के अलावा चीफ इंजीनियर रामजी अवस्थी मौजूद थे।
ट्रांजिट हाउस के हालात देखकर भड़के
जिस वक्त मंत्री स्मार्ट रोड का मुआयना करने पहुंचे, उस वक्त पार्षद शबिस्ता जकी, पार्षद मो.सगीर के अलावा अन्य कांग्रेसी नेता वहां मौजूद थे। मंत्री के वहां पहुंचते ही उन्होंने स्मार्ट रोड के लिए जबरन तोड़े गए मकान और दुकानों के बारे में शिकायत करते हुए बताया कि जिन लोगों को यहां से हटाया गया, उन्हें ट्रांजिट हाउस में बसा तो दिया, लेकिन वहां बुनियादी इंतजाम तक नहीं किए गए, लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। कई लोगों की दुकानें टूट गर्इं उनके रोजगार का इंतजाम नहीं किया गया। इसको लेकर मंत्री जयवर्धन सिंह भड़क गए, उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और खुद ट्रांजिट हाउस पर पहुंचे। डिपो चौराहे के पास बनाए गए ट्रांजिट हाउस पर पहुंचे और वहां का हाल देखकर नाराज हुए। इसके बाद वे अधिकारियों को लेकर सीधे रेस्ट हाउस पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि यहां अधिकारियों से पूछा गया कि बताएं स्मार्ट रोड के नाम पर कितने मकान तोड़े गए, कितने घर हटाए गए और जिन लोगों के मकान-दुकान तोड़े गए, उनके पुनर्वास के क्या इंतजाम थे। करीब एक घंटे तक उन्होंने अधिकारियों से सवाल-जवाब किए। लेकिन अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इसके बाद मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जिनके घर टूटे हैं और दुकानें टूटने के जिनके रोजगार छिने हैं, जबतक उनके पुनर्वास का इंतजाम नहीं हो जाता स्मार्ट रोड का कोई काम नहीं होगा।
पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली को लेकर हंगामा
बताया गया है कि रेस्ट हाउस पर जिस वक्त मंत्री जय वर्धन सिंह अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे, उस दौरान शबिस्ता जकी, मो.सगीर, संतोष कंसाना और अन्य कांग्रेस बाहर ही डेरा जमाए हुए थे। जैसे ही मंत्री बाहर आए उन्होंने दशहरा मैदान में चल रही अवैध पार्किंग की शिकायत की। उनका कहना था कि बिना ठेका दिए पार्किंग चल रही है। इस पर निगम आयुक्त ने मामले पर कार्रवाई और पार्किंग के लिए जल्द टेंडर जारी करने का आश्वासन दिया।
मीता अठावले ने लगाए आरोप
निरीक्षण के दौरान स्मार्ट सिटी की पूर्व चीफ फायनेंशियल आॅफिसर मीता अठावले ने नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह से मिल अनियमितता की जानकारी दी। उन्होंने बताया क भोपाल स्मार्ट सिटी के हर प्रोजेक्ट में वित्तीय अनियमितता की जा रही है। फर्जी बिल बनाकर तुरंत भुगतान करने के लिए दबाव बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि जब यह काम करने से मना कर दिया तो तत्कालीन सीईओ चंद्रमौली शुक्ला, कमिश्नर प्रियंका दास और चीफ इंजीनियर रामजी अवस्थी ने मुझे नौकरी से हटा दिया। चंद्रमौली शुक्ला ने उनका ट्रांसफर होने के बाद मुझे टर्मिनेट किया। दरअसल, मंत्री शनिवार को स्मार्ट रोड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। महिला भी वहां पहुंच गईं। उन्होंने साइकिल खरीदी में गड़बड़ी के आरोप लगाए। ईमानदारी से काम करने के कारण मुझे हटाया गया। स्थिति संभालने के लिए कलेक्टर को दखल देना पड़ा। उन्होंने मंत्री से कहा कि यहां इस बारे में बात करना ठीक नहीं है। इस पर मंत्री ने महिला को सारे दस्तावेजों के साथ लिखित में शिकायत करने के लिए कहा।