वॉशिंगटन। फेसबुक ने 2012 में यूजर्स का डेटा बेचने की योजना बनाई थी। हालांकि कुछ कारणवश बाद में उसने योजना बदल दी थी। अर्सटेकनिका.कॉम के हाथ लगे कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, फेसबुक स्टाफ 2012 में ग्राफ एपीआई (यूजर के डेटा की प्राथमिक जानकारी) तक पहुंचने के लिए कंपनियों से 2.5 लाख डॉलर लेने का विचार कर रहा था। लेकिन, अप्रैल 2014 में फेसबुक ने ग्राफ एपीआई एक्सेस से जुड़ी कार्यप्रणाली में बदलाव कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने जून 2015 तक कुछ डेटा एक्सेस को प्रतिबंधित कर दिया और पहले के वर्जन के सभी एक्सेस को भी हटा दिया। अर्सटेकनिका.कॉम के मुताबिक, फेसबुक ने न केवल निसान, रॉयल बैंक आॅफ कनाडा को ग्राफ एपीआई के 1.0 वर्जन तक पहुंच की परमिशन दी, बल्कि अभी भी क्रिशलर/फिएट, लिμट और नेटμिलक्स समेत कई कंपनियों को परमिशन दी।