नई दिल्ली। भारत में आज से 2500 साल पहले प्लास्टिक सर्जरी की शुरूआत हो चुकी थी। प्लास्टिक सर्जरी के तहत नाक-होंठों को आकार देना काफी पुराने वक्त से चला आ रहा है। प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक भी माना जाता है। उन्होंने सुश्रुत संहिता लिखी थी। इसमें 1100 से भी ज्यादा बीमारियों के इलाज के अलावा सर्जरी की प्रक्रिया का भी जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि नाक की सर्जरी कैसे की जाती है और किस तरह से स्किन ग्राμिटंग होती है। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में 106वें इंडियन सांइस कांग्रेस में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने माना कि भारत में 2500 साल पहले से प्लास्टिक सर्जरी होती आई है। जिन लोगों के नाक कट गए थे, उनके नाक फिर से सर्जरी के माध्यम से जोड़े जाते थे। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के इरविंग मेडिकल सेंटर के मुताबिक भारत में 2500 साल पहले प्लास्टिक सर्जरी होती थी।