जबलपुर । बच्चों को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी हम सब की है। आज के दौर में जरूरत है जागरुकता की। सरकार का यह अभियान तब ही अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएगा। जब हम सब अपनी-अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे। ये उद्गार उन्होंने दशमेश द्वार स्थित स्कूल में शुरू हो रहे मीजल्स-रुबैला अभियान के अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएम अग्रवाल ने कहे। उन्होंने जानकारी दी कि आज से शुरू हो रहे इस अभियान में जिले में 7.5 लाख बच्चों को यह वैक्सीनेशन किया जाना है जिसमें 9 माह से 15 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। पहले चरण में स्कूलों में चलेगा अभियान मीजल्स-रुबैला अभियान के प्रथम दो सप्ताह में अभियान स्कूलों में संचालित किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में जिले की आंगनबाड़ियों में इसे संचालित कर बच्चों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग सहित समाजसेवी संस्थाए शामिल हो रही है। इनमें एएनएम के 350 टीम, ब्लॉक ओआईसी 155 टीम काम करेंगी। मॉनीटरिंग के लिए सीएमएचओ, डीएचओ और डीपीएम खुद सेंटरों, स्कूलों का निरीक्षण कर जायजा लेंगे।
वैक्सीनेशन से पहले
दें मिडडे मील एम-आर वैक्सीनेशन के पूर्व स्कूल के टीचर्स मिड डे मील बच्चों को पहले दें। ताकि बच्चों को वैक्सीनेशन के बाद किसी भी प्रकार की समस्या न हो। यह अपील डॉ. प्रदीप अग्रवाल जोनल अधिकारी शहपुरा ने सभी स्कूल के शिक्षकों से की है।
मीजल्स रुबेला टीका लगाओ, पैरेंटस की अनुमति जरूरी नहीं
बच्चों को भी मीजल्स रुबेला का टीका लगाने के लिए पैरेन्ट्स की सहमति भी जरूरी नहीं होगी। यदि स्कूल प्राचार्य या हेडमास्टर ने शत प्रतिशत टीकाकरण अभियान पूरा नहीं किया तो उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना होगा। दरअसल कलेक्टर छवि भारद्वाज ने स्कूल प्राचार्य व हेडमास्टर को चिट्ठी जारी कर राष्ट्रीय मीजल्स, रुबेला टीकाकरण अभियान के तहत स्कूलों में 15 साल यानी 10 वीं तक के सभी बच्चों को मीजल्स, रुबेला वैक्सीन का शतप्रतिशत टीकाकरण अनिवार्य रुप से कराने के निर्देश दिए हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि इसके लिए पैरेन्ट्स की सहमति जरूरी नहीं होगी। टीकाकरण अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही की गई तो दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।