जबलपुर। शहर में बड़ी योजनाओं के काम ठेके के भरोसे पर चल रहे हैं। इस चक्कर में न तो सही ढंग से काम हो रहा है और न ही इनका फायदा ही शहर को मिल पा रहा है। 11 सालों से अधूरी सीवर लाइन कब चालू होगी ये तो कोई नहीं बता सकता मगर जल्दबाजी में शहर की पहली स्मार्ट रोड के बनाने वालों ने इसके नीचे से जा रही सीवर लाइन के चेम्बरों को अपनी जद में लेते हुए दबा दिया है। यही हाल दीनदयाल चौक के पास एलएण्डटी नाले का है जिसे फोड़कर इसमें से पेयजल पाइप लाइन डाल दी गई है। इस तरह अनियोजित ढंग से किए जा रहे काम सुविधा कम और मुसीबत ज्यादा बनने वाले हैं। भविष्य में यदि कभी भी सीवर लाइन चोक होती है या चेम्बर की जगह पर से काम करवाना होगा तो क्या स्मार्ट रोड को दोबारा खोदा जाएगा,और ये कैसे पता किया जाएगा कि चेम्बर किस जगह पर था। इसी प्रकार दीनदयाल चौक के पास जिस जगह एलएण्डटी का नाला बीच से खोदकर इसमें से पेयजल की मेन राइजिंग लाइन डाल दी गई है वह नाले के बीच से कितनी कारगर रहेगी और शोधित पानी कैसे प्रदाय कर सकेगी इस तरफ जिम्मेदारों का कतई ध्यान नहीं है।
ड्रिल मशीन से खोदा कांक्रीट निर्माण
नियम तो यह कहता है कि यदि कहीं पक्का नाला है और दूसरी तरफ पाइप लाइन ले जानी है तो नाले के नीचे से इसे ले जाया जाना चाहिए। जिम्मेदारों ने इस जगह का निरीक्षण तक नहीं किया और जैसा ठेकेदार के मन में आया तो उसने एलएण्डटी के कांक्रीट निर्माण में ड्रिल मशीन से बड़ा होल कर राईजिंग मेन लाइन निकाल दी। यह दीनदयाल चौक के पास देखा जा सकता है। दीनदयाल चौक के आसपास से लंबे समय से जलसंकट की शिकायत आ रही थी लिहाजा रमनगरा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से एक पाइप लाइन मनमोहन नगर तक लाई जा रही है।
स्थानीय जनों ने किया विरोध
जब एलएण्डटी के नाले को खोदकर इसमें से पाइप लाइन गुजारी जा रही थी तो स्थानीय जनों ने विरोध भी किया। इस पर जिम्मेदारों ने उन्हें यह भरोसा दिलाया है कि कांक्रीट के नाले क ो पूरी तरह से सीमेंट से कवर कर दिया जाएगा और इससे भविष्य में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। यह बात जिम्मेदारों के ध्यान में नहीं आई कि पानी के प्रेशर से नाला क्षतिग्रस्त हो सकता है।