25-04-2024 07:52:pm
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इंदौर सड़कों के किनारे बड़े-बड़े पेड़ निर्माण कार्य के दौरान काट दिए गए। ऐसे ही ग्रामीण इलाकों में खेतों या सड़कों के किनारे बाधा बने फल व छायादार वृक्षों को सिर्फ काटकर ही हटाया जा सकता है। हालांकि पहले भी ट्री प्लांटेशन की कई प्रयास किए गए हैं, जिनमें से कुछ को सफलता मिली है और कुछ को नहीं। अब एक नए पहल व नई तकनीक से बने उपकरण वाली मशीन के साथ स्टरलाइट संस्था द्वारा मप्र में पहली बार 10 से 13 साल की उम्र के बीच के पेड़ों को जीवित रखते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्लांट किया जा रहा है। संस्था द्वारा शहर में बालाजी कृष्ण स्वामी कम्युनिकेशन हेड ने बताया कि इस दौरान प्रति पेड़ विस्थापित होने का खर्च लगभग 10 से 12 हजार के मध्य रहता है। इसके लिए पेड़ उम्र की जानकारी लेने के बाद मिट्टी की कंडीशन को परखा जाता है। इसके बाद उन्हें प्लांट किया जाता है।

500 मीटर के दायरे में होगा विस्थापन

विस्थापन की सीमा बताते हुए वेदमणि तिवारी सीईओ ने बताया कि जब हम पेड़ को चिह्नित करते है, तो उसके 300 से 500 मीटर के दायरे की मिट्टी और पर्यावरण की जांच की जाती है, ताकि वह पेड़ को लगने के लिए दोबारा सपोर्ट कर सके।

मेडिकल ट्रीटमेंट भी आवश्यक

पेड़ों को विस्थापित करने के पहले उस जगह और पेड़ की जड़ वाली मिट्टी में समानता लाने के लिए लगभग दो से तीन दिन पहले मिट्टी को मेडिकली ट्रीट किया जाता है। मिट्टी की उर्वरता में समानता लाने के लिए उसमें उर्वरकों व रसायनों का छिड़काव किया जाता है, जो कि पेड़ को लगने में मददगार होता है।

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