इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के छात्र अब किताबी ज्ञान से इतर जर्मनी, फ्रांस के छात्रों की तरह रिसर्च कर सकेंगे। इन छात्रों के पास रिसर्च के लिए अब पर्याप्त संसाधन होंगे और उनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की रिसर्च कराई जाएगी। इन रिसर्च के जरिए यह छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न केवल विश्वविद्यालय की ख्याति फैलाएंगे, बल्कि यह शोध ऐसे होंगे, जो आने वाले समय में उद्योगों के लिए भी मददगार होंगे और इनसे इन छात्रों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। दरअसल, विश्वविद्यालय के 6 विभागों को विश्व बैंक परियोजना के तहत उत्कृष्ट सेंटर आॅफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। इन विभागों को यह दर्जा इनकी बेहतर परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, वर्ल्ड बैंक की परियोजना के तहत इन विभागों को यह दर्जा मिलेगा और इन सभी विभागों के अपग्रेडेशन के लिए विश्व बैंक की तरफ से इन सभी विभागों को लगभग 10-10 करोड़ की राशि भी दी जाएगी। जानकारी के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने उत्कृष्ट सेंटर का दर्जा पाने के लिए अपनी तरफ से 8 विभागों की जानकारी दी थी, जिनमें से उच्च शिक्षा विभाग ने 6 विभागों का चयन किया है। इन विभागों में बायोटेक्नोलॉजी, आईएमएस, ईएमआरसी, कैमिस्ट्री शामिल हैं।
इन कामों में खर्च होगा बजट
जानकारी के अनुसार, विभागों को जो बजट परियोजना के लिए दिया जाएगा, उसे विभाग रिसर्च को बढ़ावा देने, नई रिसर्च करवाने, नई लैब्स का निर्माण करने, स्टडी मटेरियल बेहतर करने, इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने जैसे कामों में उपयोग करेगा। सूत्रों के अनुसार, परियोजना के तहत मिलने वाले बजट से विभाग स्टूडेंट्स की बेहतरी और रोजगार परक पढ़ाई के लिए काम करेगा। सूत्रों ने बताया कि बजट का ज्यादातर भाग रिसर्च पर खर्च किया जाएगा।
इन क्राइटेरिया के आधार पर चुने गए विभाग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विभागों का चयन विभिन्न क्राइटेरिया के आधार पर किया गया। इनमें विभाग में स्टूडेंट्स की संख्या, पढ़ाई का स्तर, फैकल्टी की व्यवस्था, सुविधाएं, रिजल्ट, विभाग की विभिन्न गतिविधियों में परफॉर्मेंस जैसे कई बिंदु शामिल थे।
विभाग भोपाल जाकर देंगे प्रेजेंटेशन
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, उत्कृष्ट सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के दर्जे के लिए जिन विभागों का चयन हुआ है, वे सभी विभाग भोपाल में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने अपना प्रेजेंटेशन देंगे। जानकारी के अनुसार मंगलवार को ही बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने भोपाल में अपना प्रेजेंटेशन दिया है। अधिकारियों के अनुसार, प्रेजेंटेशन के बाद ही परियोजना के जुड़े उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी यह तय करेंगे कि विभाग को कितना बजट किन-किन मदों में देना चाहिए।
यह होगा फायदा
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि 6 विभागों को उत्कृष्ट सेंटर आॅफ एक्सीलेंस का दर्जा मिलने के बाद इसका फायदा पूरी यूनिवर्सिटी को मिलेगा। यूनिवर्सिटी की क्रेडिबिलिटी बढ़ेगी, वहीं विभाग में भी टीचिंग मैथड अपग्रेड होगी, नए उपकरण विभाग में लाए जाएंगे, नई लैब्स बनेंगी, जिससे स्टूडेंट्स का फायदा होगा और नई रिसर्च होंगी, जिससे रिसर्च में विश्वविद्यालय की परफॉर्मेंस बेहतर होगी।