भोपाल । कर्नाटक की फोरेंसिक लैब की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर बैंगलुरु में इमरजिंग ट्रेंड इन फोरेंसिक साइंस (फोरेंसिक विज्ञान में उभरती प्रवृत्तियां) विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में मप्र की डीएनए शाखा में कार्यरत वैज्ञानिक डॉ. पंकज श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत शोधपत्र को प्रथम पुरस्कार दिया गया। कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, पुलिस महानिदेशक कर्नाटक श्रीमती नीलमणि एन. राज एवं चीफ फोरेंसिक साइंडिस्ट, फोरेंसिक साइंस निदेशालय गृह मंत्रालय भारत सरकार डॉ. एसके जैन ने डॉ. पंकज श्रीवास्तव को 15 हजार रुपए का नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस सेमिनार में तकनीकी सेवाएं, पुलिस मुख्यालय के एडीजी डीसी सागर के प्रतिनिधित्व में मप्र की न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर के निदेशक डॉ. हर्ष शर्मा, डॉ. पंकज श्रीवास्तव एवं डॉ. हीरक रंजनदास ने कार्यक्रम में सहभागिता की।
नई मल्टीप्लेक्स किट का प्रदर्शन
डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने सेमिनार में डीएनए परीक्षण कार्य में लगने वाली एक नई मल्टीप्लेक्स किट का फोरेंसिक वेलीडेशन प्रस्तुत किया था। यह वेलीडेशन इस नई मल्टीप्लेक्स किट का वैश्विक रूप से पहला फोरेंसिक वेलीडेशन है। बैंगलुरु में आयोजित सेमिनार में देशभर के अलग-अलग राज्यों से फोरेंसिक वैज्ञानिक एवं पुलिस अधिकारी शामिल हुए एवं शोधपत्र प्रस्तुत किए।