बेंगलुरू। कर्नाटक की राजनीति में खड़ा हुआ नया नाटक थमने का नाम नही ंले रहा है। भाजपा द्वारा कर्नाटक में सरकार गिराने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। लेकिन चार विधायक रमेश जरकीहोली, बी. नागेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाटहल्ली नहीं शामिल हुए। बैठक के बाद रात में कांग्रेस के बाकी विधायकों को एक रिसॉर्ट भेज दिया गया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री भी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने की कोशिश में लगे हैं। सिद्धारमैया ने कहा- ‘हमारे विधायकों को 50-70 करोड़ रुपए तक का आॅफर दिया जा रहा है। मेरे पास इसका प्रमाण है। चौकीदार के पास इतना पैसा कहां से आया?’ उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल न होने वाले विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। इसके बाद हाईकमान को जानकारी देंगे।
भाजपा खुलेआम खरीद फरोख्त कर रही
विधायकों को रिजॉर्ट में रखने पर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा कि भाजपा खुलेआम खरीद-फरोख्त में शामिल है। वह गठबंधन सरकार को येन केन प्रकारेण गिराने की कोशिश कर रही है।
विधायक और उनके बैठक में न पहुंचने के कारण
रमेश जरकीहोली : पहले सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इस बार हुए विस्तार में उन्हें बाहर कर दिया गया। इससे वे असंतुष्ट हैं।
उमेश जाधव: पत्र लिखकर पहले ही बताया था कि बीमार हैं। उन्होंने कहा था कि इस वजह से यात्रा नहीं कर सकते। अत: माफ किया जाए।
बी नागेंद्र : बताया कि कोर्ट केस होने की वजह से नहीं आ सकते।
महेश कुमाटहल्ली : इनकी तरफ से कोई सूचना नहीं मिली।
भाजपा का आरोप... कांग्रेस में आपसी तनाव
भाजपा महासचिव पी मुरलीधर राव ने कहा कि बैठक में चार विधायकों का न पहुंचना कांग्रेस में आपसी तनाव दिखाता है। देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी पूरी तरह से अव्यवस्थित है। कांग्रेस में आंतरिक समस्याएं हैं, जिसके चलते ही उन्हें शक्ति प्रदर्शन के लिए बैठक बुलानी पड़ी। जिस तरह से राज्य में उथल- पुथल चल रही है, कुमारस्वामी की सरकार नहीं चल सकती।