जबलपुर। मेट्रो बसों के संचालन के लिए नियम बनाया गया था कि मुख्य स्टॉपेज पर 5 मिनट और बाकी जगह पिक एण्ड ड्रॉप सिस्टम रहेगा। इसका सीधा अर्थ है कि बस स्टेण्ड या रेलवे स्टेशन जैसे मुख्य स्थलों पर बसें 5 मिनट खड़ी रहेंगी बाकी जगह सवारियों को उतार कर नई सवारी लेकर चलती रहेंगी,लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। रेलवे स्टेशन और बसस्टेण्ड और आईएसबीटी के बाहर तो ये बसें आधा-आधा घंटा तक खड़ी नजर आती हैं। इसके कारण सवारियों को बेहद परेशानी हो रही है। आलम यह है कि एक ही समय पर मुख्य स्टॉपों पर 3-3 बसें एक साथ आकर खड़ी हो जाती हैं। सवारियां भरने के चक्कर में ये समय से काफी ज्यादा खड़ी रहती हैं। ऐसे में यात्री प्रतीक्षा करते बोर हो जाते हैं। बस आॅपरेटरों की मनमानी से पूरा सिस्टम गड़बड़ा रहा है। वर्तमान में 10 रूटों पर 110 बसें दौड़ रही हैं। इनका संचालन 3 आॅपरेटरों के द्वारा जेसीटीएसएल करवा रही है। ज्यादातर बसें मेडिकल, रांझी, अधारताल, आईएसबीटी आदि रूट पर ही चल रही हैं।शहर में करीब 100 स्टॉपेज हैं। इन बसों को हर स्टॉप पर पहुंचने की टाइमिंग तय है।बसों से सवारियां उतारने से चढ़ाने में 2 से लेकर 5 मिनट का समय तय किया गया है।
भरोसा नहीं जीत पा रहीं मेट्रो बसें
आखिर ऐसी क्या बात है कि 11 साल से शहर में चल रही मेट्रो बसें आज तक लोगों का भरोसा नहीं जीत पाई हैं। यदि आपको निर्धारित समय पर ट्रेन पकड़ना हो,आईएसबीटी से बस पकड़नी हो,स्कूल-कॉलेज या अपने आॅफिस समय पर पहुंचना हो तो आप अपने घर से मेट्रो बस के भरोसे नहीं निकल सकते। इसके पीछे कारण यही है कि मेट्रो बसें किसी भी स्टॉप पर कितनी देर खड़ी रहें इसका भरोसा नहीं होता। जेसीटीएसएल ने इस व्यवस्था को सुधारने पिक एण्ड ड्रॉप सिस्टम बनाया मगर यह ध्वस्त हो चुका है।