इंदौर। इंदौर संभाग के स्कूलों के शिक्षक पढ़ाने में केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। अपनी ड्यूटी पूरी करते हुए शिक्षकों ने कोर्स तो पूरा करा दिया, लेकिन हकीकत यह है कि बच्चों को पहली यूनिट तक के बारे में पता नहीं है। जब संयुक्त संचालक ने इन स्कूलों का दौरा किया तो शिक्षकों की यह लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद उन्होंने शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाते हुए बार-बार बच्चों को एक ही टॉपिक रिवाइज कराने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार संयुक्त संचालक मनीष वर्मा बोर्ड परीक्षाओं से पहले स्कूलों का दौरा कर कितना कोर्स पूरा हुआ है, इस बारे में जानकारी ले रहे हैं। इसी के तहत जब वे संभाग के कुछ स्कूलों में गए तो उन्हें पता चला कि आधे से ज्यादा विषयों का सिलेबस शिक्षकों ने पूरा करा दिया है। इस पर संयुक्त संचालक ने 10वीं और 12वीं के बच्चों से जिन विषयों का सिलेबस पूरा हुआ था, उनसे संबंधित सवाल पूछे, तो बच्चे एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दे सके। यह स्थिति देख संयुक्त संचालक ने शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई और उन्हें फिर से छात्रों को हर टॉपिक बार- बार रिवाइज कराने को कहा। योजना बनाकर पढ़ाएं बच्चों को -संयुक्त संचालक ने शिक्षकों से कहा कि वह एक योजना बनाएं और उसके आधार पर बच्चों को फिर से पढ़ाएं। योजना में शिक्षक यह तय करें कि किस टॉपिक को कितना समय देना है। प्रश्नों को चिह्नित कर एक मॉड्यूल पेपर बनाएं और बच्चों को वही पढ़ाएं, ताकि परीक्षा से पहले उन्हें विषय की बारीकियां समझ में आ सकें।
बोर्ड के ब्लूप्रिंट से कराएं परीक्षा की तैयारी
शिक्षकों से कहा गया है कि वे बोर्ड से आए ब्लूप्रिंट के आधार पर बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराएं। विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे विषय, जिनमें बच्चे ज्यादा कमजोर हैं, उन्हें ब्लूप्रिंट में दिए गए तरीके से पढ़ाएं और उन प्रश्नों की ज्यादा तैयारी कराएं, जो बोर्ड परीक्षा में पूछे जाते हैं। पहले विकल्पीय सवालों को तैयार कराएं, उसके बाद स्टूडेंट्स को लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय की तैयारी कराएं।