जबलपुर। मध्य प्रदेश के पिछड़े जिले सिवनी में जहां 50 प्रतिशत से अधिक किसान कर्ज में डूबे है और किसान खेती को घाटे का धंधा मान रहे है, वहीं जिले में ऐसे प्रगतिशील किसान बड़ी संख्या में मौजूद है जो खेती को फायदे का धंधा बनाने में कामयाब हुए है। जिले के करीब 85 प्रगतिशील किसान बिजली की झंझट, आए दिन पॉवर कट और बिजली बिल से पड़ने वाले आर्थिक बोझ से छुटकारा पाने अक्षत उर्जा योजना के तहत सोलर यूनिट लगाकर सोलर पंप से मुफ्त में सिंचाई कर माला-माल हो रहे हैं। वे 8 से 10 घंटे मुफ्त में अपने खेतों में सिंचाई कर रहे है। जिले में सोलर पंप सिंचाई करने वाले प्रगतिशील किसानों में गोकलपुर ग्राम के किसान ईश्वर दयाल भी एक है। उन्होंने जब से सोलर पंप लगाया है, खेती लाभ का धंधा बन गई है। वे प्रतिदिन 8-10 घंटे अपने खेत में सिंचाई करते है।
मात्र पांच एकड़ जमीन
ईश्वर दयाल की सड़क के किनारे मात्र 5 एकड़ जमीन है। उन्होंने 3 एचपी क्षमता का सोलर एनर्जी प्लांट लगवाया है। नवीनीकृत ऊर्जा विभाग से 36 हजार रुपए की लागत में अनुदान राशि सहित सोलर प्लांट खेत में लगा है। इस कृषक ने मार्च 2018 में सोलर एनर्जी यूनिट लगवाया था और तब से वह लगभग प्रतिदिन सोलर पंप से सिंचाई कर रहे है। परम्परागत खेती गेहूं और धान के साथ सब्जी लगाकर अपनी किस्मत बदल रहे है। प्रतिवर्ष 4-5 लाख कृषि से आय हो रही है।
एक ही गांव में 12 पंप
जिले के इस गांव के लगभग एक दर्जन किसानों ने सोलर यूनिट लगा रखी है। ऐसे ही एक कृषक की सोलर यूनिट को देखकर ईश्वर दयाल को भी सोलर प्लांट लगाने की प्रेरणा मिली थी।
इलाके में है वोल्टेज समस्या
बताया गया कि इस इलाके में वोल्टेज की समस्या आए दिन बनी रहती है। इसके साथ ही आए दिन बिजली गुल हो जाती है। बिजली पंप से किसानों को बमुश्किल 4-5 घंटे सिंचाई कर पाते हैं। दूसरी तरफ अब 8-10 घंटे सिंचाई कर रहे है। जानकारी के अनुसार सिवनी जिले में अब तक 85 सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जा चुके है। मुख्य मंत्री सोलर योजना के तहत तीन एचपी क्षमता वाले सोलर यूनिट में 90 प्रतिशत तक किसानों को अनुदान मिल रहा है।