इंदौर। रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के मौके पर संबोधित करते शाह ने ये ऐलान किया। उनका कहना था कि पार्टी अब 75 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं को कोई जिम्मेदारी नहीं देगी यानी वे पार्टी में दरकिनार कर दिए जाएंगे। ये पूछने पर कि क्या इतनी अधिक उम्र के नेताओं को टिकट भी नहीं दिया जाएगा, तो वे बोले कि मैं अपनी बात कह चुका हूं। इसका मतलब ये है कि पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में 75 पार के नेताओं को टिकट देने से भी परहेज करेगी। ऐसी स्थिति में इंदौर में सुमित्रा महाजन का टिकट संकट में पड़ सकता है। वे 76 वर्ष की हो चुकी हैं। उनका जन्म 12 अप्रैल 1943 का है। ताई के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो चुके सत्यनारायण सत्तन को भी पार्टी दूर ही रखेगी।
बाबूलाल गौर का क्या होगा
भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे पूर्व मुख्यमंत्री और गोविंदपुरा सीट से सात बार के विधायक बाबूलाल गौर की मांग भी पूरी नहीं होगी। पार्टी उन्हें इस नियम का हवाला देकर दरकिनार कर देगी। इसी आधार पर दो वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। तब से वे उनसे खासे नाराज हैं और मौके-बे-मौके अपनी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं। गौर के घर गत 8 जनवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजयसिंह पहुंचे थे और उनसे कांग्रेस की ओर से भोपाल सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। उन्होंने बाद में इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि वे भाजपा से ही टिकट की मांग करते हैं क्योंकि 25 जून को भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था-गौर साहेब..एक बार और। वे अपने घर में लगी मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर भी मंत्री जीतू पटवारी को दिखा चुके हैं और कह चुके हैं कि ये मेरे नेता हैं। वे टिकट के लिए पार्टी पर हर तरह से दबाव बना रहे हैं जबकि उनकी उम्र 88 वर्ष हो चुकी है।