इंदौर। हिंदू नववर्ष का राजा शनि होगा। शनि की सत्ता पिता सूर्य संभालेंगे। उन्हें प्रधानमंत्री का दर्जा मिलेगा। सितंबर में गुरु, शनि, केतु की युति चांडाल योग बनाएगी। गुरु-शनि का योग उथल-पुथल मचाएगा। बैरी ग्रह सूर्य, शनि के राजा और महामंत्री बनने से विरोधकृत योग रहेगा। ग्रहों की युति और दृष्टि का अद्भुत संयोग 297 साल बाद बना है, जब शनि-गुरु-केतु त्रिग्रही युति बनाएंगे। 1722 में इनके साथ सूर्य का भी संबंध था। इस साल 10 विभागों में 4 प्रभार राजा शनि के पास होंगे। कोषाध्यक्ष की भूमिका धनेश मंगल के हाथ होगी। प्राकृतिक संसाधनों का स्वामी (सस्येश) मंगल होगा। हिंदू नववर्ष की शुरुआत 5 अप्रैल को दोपहर 1. 56 बजे वर्ष प्रतिपदा से होगी। परिधारी संवत् में शत्रु ग्रह के होने से राजनेताओं में विरोध और अविश्वास रहेगा। ग्रहों के मान से साल का अधिपति शनि होगा। शनि के मंगल के साथ आने से विस्फोटक योग भी बनेंगे। हालांकि अगस्त में सूर्य, केतु, बुद्ध की युति शुभ फलादेश भी देगी।
* सूर्य-शनि संयोग- विरोधकृत योग
* सूर्य-केतु-बुद्ध युति- मंगलकारी योग
* गुरु, शनि, केतु युति- चांडाल योग
* चार ग्रह शुभ और 6 पाप ग्रह होंगे
* अग्नि तत्व की राशि में शनि, गुरु, केतु का योग कम वर्षा कराएगा
* चंद्रमा त्रिकोण में है, शुभ फल मिलेगा।
इन राशियों को होगा फायदा
धनु, मकर, सिंह, कुंभ
ये रहेंगी कष्ट में
मीन, कर्क, वृश्चिक इन्हें होगा फायदा कृषि, कारोबार, भारी उद्योग
दो सूर्यग्रहण और एक चंद्रग्रहण होगा
* 2 जुलाई को खग्रास सूर्यग्रहण होगा ( भारत में दिखाई नहीं देगा)।
* 26 दिसंबर को कंकणाकृति सूर्य ग्रहण देशभर में दिखेगा।
* 16-17 जुलाई को खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा।